मौजूदा दौर में जब की तमाम भाषाओं के साहित्यिक जगत में दिए जाने वाले सम्मान और पुरस्कार में अधिकतर दागदार हो चुके हैं और इनका लेनदेन पूरी तरह से साहित्यक माफियाओं द्वारा जुगाड़ तंत्र पर आधारित हो गया है ऐसे भी अभी भी कुछ ऐसे सम्मान और पुरस्कार हैं जो काजल की कोठरी में भी अपनी अस्मिता को न सिर्फ बनाए हुए हैं बल्कि तमाम सच्चे साहित्यकार अपने साहित्य की योगदान से उसे सुरक्षित भी किए हैं इसी सिलसिले में हिंदी के महत्वपूर्ण कवि शमशेर बहादुर सिंह स्मृति सम्मान अपनी विश्वसनीयता को आज भी बनाए हुए हैं यह बहुत प्रसन्नता की बात है की सारी जद्दोजहद के बाद यह सम्मान वर्ष 2015 और 2016 के अंतर्गत हिंदी के वरिष्ठ कवि हरीश चंद्र पांडे पंकज राग एकांत श्रीवास्तव और यतींद्र मिश्र को दिया गया है इसमें कोई संदेह नहीं कि ये कवि उन महत्वपूर्ण कवियों में हैं जिनकी कविताओं को आज के दौर की महत्वपूर्ण कविता धारा की पहचान के रूप में शुमार किया जाता है इनकी कविताएं अच्छी कविताओं के प्रतिमान के रूप में देखी जा रही है इससे बड़ी बात यह है की बहुत बड़ी संख्या में इन कवियों को विशेषण सामान्य पाठकों का प्यार मिला है यह बात इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि आज के दौर के कवियों पर यह आरोप लगता रहा है कि अधिकतर कवि अपने मित्र कवियों के लिए ही कविताएं लिख रहे हैं और उन्हें आम पाठकों की कोई चिंता नहीं है यह अलग बात है कि शमशेर स्वयं जनता के कवि नहीं रहे उनकी कविताओं को बुद्धिवादी कवियों ने ही पहचाना और सराहा परंतु इसमें दो राय नहीं कि शमशेर की कविताएं कविता समय की विशेष पहचान के रुप में आज साहित्य में मौजूद हैं और विचार कविता की प्रतिनिधि कविताएं हैं इसमें दो राय नहीं कि चारों कवि शमशेर सम्मान के पूरी तरह हकदार हैं हिंदी साहित्य जगत इन कवियों के चयन पर अपने विश्वास की मुहर लगा रहा है गौरतलब है कि शमशेर सम्मान हरीश चंद्र पांडे के कविता संकलन कविता के लिए लेखक पंकज राग को सर्जनात्मक गद्य के लिए एकांत श्रीवास्तव को कविता के लिए तथा यतींद्र मित्र को उनके सृजनातमक लेखन के लिए दिया गया है इन चारों कवियों की कविताएं और उनका लेखन मनुष्य और मनुष्यता में लगातार हो रहे क्षरण रेखांकित करते हैं और अपने ढंग से इसे देखने और बदलने का हौसला देते हैं विचार के स्तर पर यह चारों कवि और लेखक बेहद पठनीय है और सबसे बड़ी बात यह है की सामान्य पाठ को द्वारा स्वीकार्य जा रहे हैं इनका लेखन बुद्धि विलास नहीं है बल्कि समाज के प्रति एक जिम्मेदारी से भरा हुआ लेखन है अब तक यह सम्मान मंगलेश डबराल राजेश जोशी विजय कुमार अरुण कमल नरेंद्र जैन लीलाधर मंडलोई सुदीप बनर्जी वीरेंद्र डंगवाल ज्ञानरंजन अरविंद जैन राजेंद्र शर्मा विष्णु नागर विनोद दास पुष्पिता नर्मदा प्रसाद उपाध्याय मनमोहन महेश कटारे इब्बार रब्बी सुधीश पचौरी कर्मेंदु शिशिर पंकज सिंह अभिमन्यु अनत बद्रीनारायण विश्वनाथ प्रसाद त्रिपाठी कमला प्रसाद पांडे नरेश सक्सेना प्रभात त्रिपाठी ओम थानवी ऋतुराज और अनामिका को दिया जा चुका है शमशीर सम्मान के लिए कवियों और लेखकों का चयन देश के अनेक जाने माने साहित्यकारों की समिति करती है इस बार शमशेर सम्मान की निर्णायक समिति में लीलाधर मंडलोई नरेश सक्सेना और बद्रीनारायण भी शामिल रहे ।
इलाहाबाद से शमशेर सम्मान हरीश चंद्र पांडे को दिए जाने पर इलाहाबाद के साहित्यिक जगत में खुशी की लहर है हरीश चंद्र पांडे उन कवियों में हैं जो कम लिखते हैं पर जब लिखते हैं तब सर्व स्वीकार होता है समकालीन मुक्तिबोध चारों वरिष्ठ कवियों और लेखकों को दिए जाने वाले सम्मान को साहित्य जगत का सम्मान मानता है और उन्हें इस सफलता के लिए हृदय से बधाई देता है ।
- अजामिल
इलाहाबाद से शमशेर सम्मान हरीश चंद्र पांडे को दिए जाने पर इलाहाबाद के साहित्यिक जगत में खुशी की लहर है हरीश चंद्र पांडे उन कवियों में हैं जो कम लिखते हैं पर जब लिखते हैं तब सर्व स्वीकार होता है समकालीन मुक्तिबोध चारों वरिष्ठ कवियों और लेखकों को दिए जाने वाले सम्मान को साहित्य जगत का सम्मान मानता है और उन्हें इस सफलता के लिए हृदय से बधाई देता है ।
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