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Thursday, July 28, 2011

आशायें !

मुझमें मेरे कल के प्रति
अपार विश्वास है बंधु

जब कभी सागर तट पर
शोर थमता है
थक जाते हैं लहरों के पांव
तभी एक नाव मेरे लिए
आशाएं लेकर
किनारे आ लगती है
खुशी से पुलकित हो उठता है अन्तर्मन
और मैं सूरज को आकाश की तरफ
उठता देखता हूं
सुनता हूं चिडि़यों को गाते हुए
फूलों को मुस्कुराते पाता हूं
मेरे भीतर जागती है अपार शक्ति
कल के लिए हर पल के लिए

सोचता हूं
खूबसूरत रंगों से
रंगी हुई है ये दुनिया
सपनों को साकार करने के लिए
आंखों की शुभ परख चाहिए
काले चश्में के पीछे से
शरद की भीगी शबनमी
धूप भी काजल हो जाती है

घुटने मत टेको बंधु
कल के लिए एक सागरयात्रा
तुम्हारे परों पर लिखी है
बस उड़ना शेष है
तेज लहरों के साथ
तुम्हें एक युद्ध से गुजरना है
गहरे सागर के पेट में
मोती की तरह छुपी है
तुम्हारी आकांक्षा, तुम्हारा लक्ष्य।

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