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Wednesday, June 8, 2011

उस दिन !

उस दिन उसने पाँच हाथ की साड़ी पहनी
उस दिन उसने खुदको लपेटा - सब तरफ से
उस दिन उसने दिन में कई-कई बार
आईना देखा
उस दिन उसने कंधे पा खोल दिये लम्बे बाल
उस दिन खुदको छुपाते हुए सबसे
इठलाई, इतरायी और शर्मायी

उस दिन पूरे समय गुनगुनाती रही - इधर उधर
उस दिन उसने स्टीरियों पर
दर्द भरा गीत सुना
उस दिन उसने
अलबम में तस्वीरें देखी - आँख भर,
उस दिन सुबक सुबक रोयी - जाने क्या सोचकर

उस दिन उसे चाँद खूबसूरत लगा
उस दिन चिड़ियों की तरह आकाश में -
उड़ने को चाहा उसका मन
उस दिन उसने बालकनी में खडे़ होकर
जी भर देखा दूर-दूर तक

उस दिन उसने सपने सहेजे
उस दिन उसने अंतहीन प्रतीक्षा की -
किसी के आने की
उस दिन उसने जीवन में पहला प्रेमपत्र लिखा
उस दिन उसने रूमाल पर बेलबूटे बनाए
और मगन हो गयी ............

उस दिन
हाँ, उस दिन हमारे देखते-देखते -
बिटिया बड़ी हो गयी

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