यह कविता अंजुमन प्रकाशन इलाहाबाद ने मेरे काव्य संग्रह औरतें जहां भी हैं मैं प्रकाशित किया है यह कविता इंटरनेट पर बन जाने वाली प्रेम संबंधों की सच्चाई को सामने लाती है
जन्म आजादी के बाद। प्रकाशित कृतियाँः-त्रयी-1, शिविर,काला इतिहास, आठवें दशक की सर्वश्रेष्ठ कवितायें, जो कुछ हाशिये पर लिखा है, सम्पादक-समकालीन मुक्तिबोध(इण्टरनेट पत्रिका)। सम्पर्क:- 712/6, हर्षवर्धन नगर, मीरापुर, इलाहाबाद-211003, मोबाइल नं0-9889722209,9839053375
ब्लॉगर पर नई सुविधा- लेबल क्लाउड (label cloud)
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ब्लॉगर सेवा के दस साल पूरे होने के साथ ही चिट्ठाकारों को नई सौगातें मिलने
का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लॉगर संचालित चिट्ठों पर लेबल क्लाउड की
बहुप्रतीक्षित...
Soooooooo
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summer is coming to an end and chilly fall is taunting us.
ive been slowly going through my wardrobe, packing away summer goodness and
evaluating what i nee...
व्यंग्य : सतर्कता: हमारी साझा जिम्मेदारी
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अब के बरस सतर्कता वालों ने थीम निकाली है। सभी खास ओ आम को इत्तिला दी
जाती है कि इस बरस से सतर्कता हम सबकी साझी जिम्मेवारी होगी। दूसरे शब्दों ...
कैलाश गौतम की कविता- गाँव गया था, गाँव से भागा
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गाँव गया था
गाँव से भागा ।
रामराज का हाल देखकर
पंचायत की चाल देखकर
आँगन में दीवाल देखकर
सिर पर आती डाल देखकर
नदी का पानी लाल देखकर
और आँख में बाल देखकर
गाँव ...
इतवारी पहेली: 2025/08/17
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इतवारी पहेली:
वो कहे चाय का तो चाय # ##
जितनी जल्दी हो सके रास्ता ###
इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन
जोड़-तोड़ ...
विरोध का आलम तो देखिये:-अवैध बूचड़खाना
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विरोध का आलम तो देखिये ,अभी सफ्ताह भी नहीं हुआ योगी सरकार बने हुए। पुलिस
में कुछ भ्रस्ट लोग सस्पेंड हो गए तो विरोध, अगर सरकार ये कदम नहीं उठती तो भी
विरो...
गिद्धों को खाते हैं बपाटला के लोग
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खाने के मामले में सहमति प्राप्त करना मुश्किल होता है। जिसे कुछ लोग बड़े चाव
से खाते हैं, उसका नाम भर सुन लेने से दूसरे लोगों को कय होने लगता है। फ्रांस
के ल...
ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से
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और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।
वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा
आय...
क्रोध
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बनता भयंकर शत्रु-शांति हर-संताप बढाता
मित्रता नाशक आँख वाले को अँधा बनता
भले बुरे का विवेक भी क्रोध ही नष्ट करता
आपसी प्रेम का नाशक, क्षय धर्म का करता
क्र...
करें संस्कृति पूजन.......
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संस्कृति अर्थात सम्यक कृति. विश्वनियन्ता द्वारा निर्मित अनन्त कृतियों में
श्रेष्ठ कृति कौन सी है ? इस प्रश्न का उत्तर खोजा जाए, तो मनुष्य ही उस
गौरवपूर्ण प...
संग्रहणीय पुस्तक है नवगीत कोश
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*फ़िरदौस ख़ान*सुप्रसिद्ध कवि एवं गीतकार डॉ. रामनेही लाल शर्मा ‘यायावर’
द्वारा लिखित ‘नवगीत कोश’ पढ़ने का मौक़ा मिला। इसे पढ़कर लगा कि अगर इसे पढ़ा
नहीं हो...
पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’
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*यात्रा-संस्मरण*
*पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु **‘**जगन्नाथ-पुरी**’ *
*-दिनेश कुमार माली *
यह भी कितना विचित्र संयोग था कि पहली बार दो विख्यात महि...
1478- आपका होना
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*डॉ. पूनम चौधरी*
*( **बहन की पाती भाई के नाम**)*
*भैया**,*
*आपका मिलना*
*मानो आकाश ने स्वयं मेरी जीवन-भूमि पर*
*आपके रूप में एक आशीर्वाद उतारा हो...
दुश्मन
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*दुश्मन*
खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह
सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”
भगावन ने पित...
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