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Sunday, June 12, 2011

तूफान थमने के बाद !

मैं घर लौट आया हूँ मेरी मां।

देखो आज एक नई सुबह जन्मी है
पद्मा की सुनहरी सतह पर
एक नया सूरज झांका है
दरवाजे खोल दो
आज़ादी की धूप आने दो मेरी मां

काल के हत्यारे पक्षी
अब बहुत दूर चले गए मेरी बहन
डरो मत दरवाजे खोलो
मुझे पता है
बेबसी की कहानी
मैंने सुनी है तुम्हारे सीने पर बूटों की आवाज
मैंने देखे हैं बारूद घुली हवाओं के बादल
मैंने देखे हैं क्रूर हाथों की गंदी पकड़ें
खेतों में भागती
पायलों की रोती ध्वनियां
मेरी बहन दरवाजे खोलो

हमीद मेरे बेटे
देख क्या-क्या लाया हूँ मैं तेरे लिए
आकाश छूने को आशाओं के गुब्बारे
समय की रेलगाड़ी
लाया हूँ तेरे लिए उजले वर्तमान की स्लेट
तेरे सपनों-सी रंगीन पेन्सिलें
खोल मेरे बेटे दरवाजे खोल

क्या हो गया मेरी उंगलियों को
इन इतिहास के पन्नों में
कहां खो गए मेरे रिश्ते

कहां दफ्न हो गईं मेरी खुशियां
वे मकान
वे बुजुर्ग
वे दोस्त
सिर्फ एक दर्द
मेरे गले में अटका है
मैं रो रहा हूँ, रोता जा रहा हूँ
दरवाजे के उस पार पसरे सन्नाटे के लिए

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