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Wednesday, June 13, 2012

|| शब्द –शब्द सच ||




शब्द सन्यास नहीं लेते
शब्द समय प्रवाह के प्रतिनिधि होते हैं
शब्द सच होते है – झूठ के खिलाफ
शब्द बचा लो तो बहुत कुछ बच जाता है
काली किताबों में ,

जब साथ छोड़ रही होती हैं चीजें
देह केचुल बदलने को बेताब होती है
ख़ामोशी की चादर ओढ़े
लोग इशारों –इशारों में
अनुपस्थित का उपस्थित-दर्शन
खंगाल रहे होते है –एक दूसरे के डरे सहमे
चेहरे को देखते हुए-
शब्द तब भी साँस लेते है हमारे बीच ,
यकीन करो –जब कुछ भी शेष नहीं होगा
शब्द होगें – हमारी स्मृतियों की अपार
संपदा को सहेजे हुए,
शब्द कभी नहीं मरते –शब्द सतत जीवन का अर्थपूर्ण संगीत है
शब्द हवा है -शब्द दवा है
शब्द शक्ति है –शब्द प्रेम है –शब्द भक्ति है
कोई भी अविष्कार शब्द से बड़ा नहीं है

शब्द हाशिए पर है इन दिनों
और मैं सबसे ज्यादा परेशान हूँ
शब्दों को मुकम्मल करने के लिए –
बार-बार हाशिए पर फेंक दिया जाना ही तो
सुबूत है शब्दों के जिन्दा होने का
- अजामिल

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