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Thursday, July 28, 2011

तोते के लिए मर्सिया !

बातचीत, कोई गि़ला शिक़वा
जि़न्दग़ी और मौत के बीच
संघर्ष करता हुआ - सबको छोड़कर चला गया हमेंशा के लिए
वह अचानक -

जि़न्दगी के तीसेक साल गुज़ारे उसने
हमारी खुशी के लिए
पिंजड़े में रहकर

वह बोला - वही - जो हमने सिखाया
उसने देखा - वही - जो हमने दिखाया
उसने किया - वही - जो हमने चाहा
उसने हमें दी अपने जीवन भर की आज़ादी
बदले में कुछ भी नहीं दे पाए हम उसे
उसकी आज़ादी लेकर भी

वह हरियल - लाल चोंच वाला कम्युनिस्ट
अपने नाज़ नखरों के साथ रहेगा
हमारी स्मृतियों में
हमें आज़ादी के खो देने का मतलब
सिखाता हुआ

देखिए ज़रा
जि़न्दग़ी भर हमारी ही जुबान बोलकर
पूरा घर सर पर उठाए रखने वाला वह मासूम अचानक
ख़ामोश हो गया कम्बख्त़
बिना कुछ कहे....

आप करें तो करें
मैं कभी उसे मुआफ़ नहीं करुंगा
ऐसी नाशुक्ऱा रुखसती के लिए।

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