जन्म आजादी के बाद। प्रकाशित कृतियाँः-त्रयी-1, शिविर,काला इतिहास, आठवें दशक की सर्वश्रेष्ठ कवितायें, जो कुछ हाशिये पर लिखा है, सम्पादक-समकालीन मुक्तिबोध(इण्टरनेट पत्रिका)। सम्पर्क:- 712/6, हर्षवर्धन नगर, मीरापुर, इलाहाबाद-211003, मोबाइल नं0-9889722209,9839053375
ब्लॉगर पर नई सुविधा- लेबल क्लाउड (label cloud)
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ब्लॉगर सेवा के दस साल पूरे होने के साथ ही चिट्ठाकारों को नई सौगातें मिलने
का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लॉगर संचालित चिट्ठों पर लेबल क्लाउड की
बहुप्रतीक्षित...
Soooooooo
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summer is coming to an end and chilly fall is taunting us.
ive been slowly going through my wardrobe, packing away summer goodness and
evaluating what i nee...
कैलाश गौतम की कविता- गाँव गया था, गाँव से भागा
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गाँव गया था
गाँव से भागा ।
रामराज का हाल देखकर
पंचायत की चाल देखकर
आँगन में दीवाल देखकर
सिर पर आती डाल देखकर
नदी का पानी लाल देखकर
और आँख में बाल देखकर
गाँव ...
इतवारी पहेलीः 20150629
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इतवारी पहेली:
मैंने बुलाया अंकल को ## #
तो मुझसे नाराज़ हो गई #%#
(तीनों शब्द अंग्रेज़ी के हैं। पहली पंक्ति के पहले शब्द का पहला अक्षर ॉ जैसा
है। यानी...
विरोध का आलम तो देखिये:-अवैध बूचड़खाना
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विरोध का आलम तो देखिये ,अभी सफ्ताह भी नहीं हुआ योगी सरकार बने हुए। पुलिस
में कुछ भ्रस्ट लोग सस्पेंड हो गए तो विरोध, अगर सरकार ये कदम नहीं उठती तो भी
विरो...
गिद्धों को खाते हैं बपाटला के लोग
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खाने के मामले में सहमति प्राप्त करना मुश्किल होता है। जिसे कुछ लोग बड़े चाव
से खाते हैं, उसका नाम भर सुन लेने से दूसरे लोगों को कय होने लगता है। फ्रांस
के ल...
ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से
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और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।
वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा
आय...
क्रोध
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बनता भयंकर शत्रु-शांति हर-संताप बढाता
मित्रता नाशक आँख वाले को अँधा बनता
भले बुरे का विवेक भी क्रोध ही नष्ट करता
आपसी प्रेम का नाशक, क्षय धर्म का करता
क्र...
करें संस्कृति पूजन.......
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संस्कृति अर्थात सम्यक कृति. विश्वनियन्ता द्वारा निर्मित अनन्त कृतियों में
श्रेष्ठ कृति कौन सी है ? इस प्रश्न का उत्तर खोजा जाए, तो मनुष्य ही उस
गौरवपूर्ण प...
हमारा जन्मदिन
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कल यानी 1 जून को हमारा जन्मदिन है. अम्मी बहुत याद आती हैं. वे सबसे पहले
हमें मुबारकबाद दिया करती थीं. वे बहुत सी दुआएं देती थीं. उनकी दुआएं हमारे
लिए किस...
पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’
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*यात्रा-संस्मरण*
*पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु **‘**जगन्नाथ-पुरी**’ *
*-दिनेश कुमार माली *
यह भी कितना विचित्र संयोग था कि पहली बार दो विख्यात महि...
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*धरती: स्मृति में धड़कता जीवन**/ **डॉ* *. **पूनम चौधरी*
*धरती —*
*ना किसी रेखा से बँधी**,*
*ना किसी शब्द में बसी —*
*वह करुणा है**,*
*जो हर वज्...
दुश्मन
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*दुश्मन*
खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह
सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”
भगावन ने पित...
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