जन्म आजादी के बाद। प्रकाशित कृतियाँः-त्रयी-1, शिविर,काला इतिहास, आठवें दशक की सर्वश्रेष्ठ कवितायें, जो कुछ हाशिये पर लिखा है, सम्पादक-समकालीन मुक्तिबोध(इण्टरनेट पत्रिका)। सम्पर्क:- 712/6, हर्षवर्धन नगर, मीरापुर, इलाहाबाद-211003, मोबाइल नं0-9889722209,9839053375
Soooooooo
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summer is coming to an end and chilly fall is taunting us.
ive been slowly going through my wardrobe, packing away summer goodness and
evaluating what i nee...
व्यंग्य: मैं बिकाऊँ हूँ
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आजकल मंडी लगी हुई है। हिमाचल प्रदेश वाली मंडी नहीं। बल्कि यह
तो वो वाली है जो आजकल शहर-शहर लगी हुई है। मैंने सोचा यही मौका है अपुन भी
अ...
कैलाश गौतम की कविता- गाँव गया था, गाँव से भागा
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गाँव गया था
गाँव से भागा ।
रामराज का हाल देखकर
पंचायत की चाल देखकर
आँगन में दीवाल देखकर
सिर पर आती डाल देखकर
नदी का पानी लाल देखकर
और आँख में बाल देखकर
गाँव ...
डीलिटेड मैसेज
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आज फिर उसने एक मैसेज डीलिट कर दिया
और मुझे सातवें आसमान पर पहुँचा दिया
सारे दिन फुदकता रहा
सोचता रहा
उसने यह कहा होगा
वह लिखा होगा
मुझे दिल की बात ...
सृजन आस्ट्रेलिया ई पत्रिका का नया अंक
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पत्रिका: सृजन ऑस्ट्रेलिया, अंक: अगस्त अंक 2021, स्वरूप: ई पत्रिका, प्रधान
संपादक: डाॅ. शैलेश शुक्ला, मुख्य संपादक: श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला,
आवरण/र...
विरोध का आलम तो देखिये:-अवैध बूचड़खाना
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विरोध का आलम तो देखिये ,अभी सफ्ताह भी नहीं हुआ योगी सरकार बने हुए। पुलिस
में कुछ भ्रस्ट लोग सस्पेंड हो गए तो विरोध, अगर सरकार ये कदम नहीं उठती तो भी
विरो...
गिद्धों को खाते हैं बपाटला के लोग
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खाने के मामले में सहमति प्राप्त करना मुश्किल होता है। जिसे कुछ लोग बड़े चाव
से खाते हैं, उसका नाम भर सुन लेने से दूसरे लोगों को कय होने लगता है। फ्रांस
के ल...
ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से
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और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।
वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा
आय...
क्रोध
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बनता भयंकर शत्रु-शांति हर-संताप बढाता
मित्रता नाशक आँख वाले को अँधा बनता
भले बुरे का विवेक भी क्रोध ही नष्ट करता
आपसी प्रेम का नाशक, क्षय धर्म का करता
क्र...
करें संस्कृति पूजन.......
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संस्कृति अर्थात सम्यक कृति. विश्वनियन्ता द्वारा निर्मित अनन्त कृतियों में
श्रेष्ठ कृति कौन सी है ? इस प्रश्न का उत्तर खोजा जाए, तो मनुष्य ही उस
गौरवपूर्ण प...
भाजपा का विकल्प
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*फ़िरदौस ख़ान*
दिल्ली में नगर निगम चुनाव से पहले हमने बहुत से लोगों ख़ासकर मुस्लिम
कांग्रेसियों से बात की थी. कांग्रेसी इसलिए कि कभी ये सब कांग्रेस के कट्टर ...
1413-अंजू निगम की कविताएँ
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*अंजू निगम **की कविताएँ *
*1-बरखा*
बरखा की बूँदों ने जब भी
फैलाया था अपना आँचल
और जब बिखर रहे थे रंग
मेहँदी के, मेरे मन के आँगन में
तब लगा...
दुश्मन
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*दुश्मन*
खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह
सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”
भगावन ने पित...
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